राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई नहीं होगी ।
नई दिल्ली,एजेन्सी । केद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह राजीव गांधी हत्याकांड के सात दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के प्रस्ताव का समर्थन नहीं करती है, क्योंकि इन मुजरिमों की सजा की माफी से 'खतरनाक परंपरा' को शुरुआत होगी दिया और इसके अंतरराष्ट्रीय नतीजे' हे जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस के. एम. जोसेफ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने गृह सुनवाई स्थगित कर दी। शीर्ष अदालत ने 23 जनवरी को केंद्र सरकार से कहा था कि तमिलनाडु सरकार के 2016 के पत्र पर तीन महीने । के भीतर निर्णय । राज्य सरकार राजीव । गांधी हत्याकांड के सात दोषियों की । सजा माफ करके उनकी रिहाई करने के। निर्णय पर केंद्र की सहमति चाहती है। राज्य सरकार ने इस संबंध में दो मार्च, विस्फोट 2016 को केंद्र सरकार को पत्र लिखा । केंद्र की सहमति जरूरी-इसमें कहा केंद्र की सहमति जरूरी-इसमें कहा मामला गया था कि राज्य सरकार ने इन सात प्रमुख दोषियों को रिहा करने का निर्णय लिया हत्या हैं परंतु शीर्ष अदालत के 2015 के इस |आदेश के अनुरूप इसके लिए केंद्र की श्रीहरण । सहमति लेना अनिवार्य है। केन्द्रीय गृह उर्फ मंत्रालय के संयुक्त सचिव वी. बी. दुबे जयकुमारने न्यायालय में दाखिल अपने हलफनामे में कहा है, 'केंद्र सरकार, दंड प्रक्रिया हैंसहिता, 1973 की धारा 435 का पालन करते हुए तमिलनाडु सरकार के दो मार्च, पेरारिवलन 2016 के पत्र में इन सात दोषियों की में सजा और माफ करने के प्रस्ताव से दया । सहमत नहीं है।'